सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

BJP Delhi State: Purvanchalis of Delhi resolves to remove Congress ...

BJP Delhi State: Purvanchalis of Delhi resolves to remove Congress ...: Today workers Sammelan was organized at Talkatora Stadium more than ten thousand Purvanchalis of Bihar and Uttar Pradesh participated an...

6417mera%20desh%20mera%20jeevan%20m

मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

बुधवार, 8 जून 2011

Congress' Midsummer Folly: Rajat Sharma

Congress' Midsummer Folly: Rajat Sharma
5 जून को स्वामी रामदेव ने मुझसे पूछा था कि क्या ऐसा हो सकता है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करे ? मैंने उनसे कहा कि कोई भी सरकार इतनी ब़ड़ी गलती नही करेगी “ आप शांति से अनशन कर रहे हैं ,आपके हज़ारो समर्थक मौजूद हैं, चालीस TV Channels की OB Vans वहां खड़ी हैं.” .. मैंने उनसे कहा था 'सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ऐसा कभी नहीं होने देंगे'...मेरा विश्वास था कि कांग्रेस ने Emergency के अनुभव से सबक सीखा है...पिछले 7 साल के शासन में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे ये लगा हो कि वो पुलिस और लाठी के बल पर अपनी सत्ता की ताकत दिखाने का कोशिश करेंगे
लेकिन कुछ ही घंटे बाद सरकार ने मुझे गलत साबित कर दिया..मैंने स्वामी रामदेव से कहा था कि आप निश्चिंत होकर सोइये... देर रात मुझे इंडिया टीवी के Newsroom से फोन आया : "सर, रामलीला मैदान में पुलिस ने धावा बोल दिया है"...फिर उस रात टी वी पर जो कुछ देखा ,आंखों पर विश्वास नहीं हुआ कोई ऐसा कैसे कर सकता है ...कैमरों और रिपोर्ट्स की आंखों के सामने पुलिस ने लाठियां चलाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े, बूढ़े और बच्चों को पीटा, महिलाओं के कपड़े फाड़ दिए...मैंने स्वामी रामदेव को अपने सहयोगी के कंधे पर बैठकर बार-बार पुलिस से ये कहते सुना- "यहां लोगों को मत मारो, मैं गिरफ्तारी देने को तैयार हूं"...लेकिन जब सरकार पांच हजा़र की पुलिस फोर्स को कहीं भेजती है तो वो फोर्स ऐसी बातें सुनने के लिए तैयार नहीं होती...पुलिस वालों की Training डंडा चलाने के लिए होती है, आंसू गैस छोड़ने और गोली चलाने के लिए होती है पुलिस ये नही समझती कि जो लोग वहां सो रहे हैं वो दिनभर के भूखे हैं , अगर वहां मौजूद भीड़ उग्र हो जाती है तो पुलिस गोली भी चला देती...वो भगवान का शुक्र है कि स्वामी रामदेव के Followers में ज्यादातर बूढ़े, महिलाएं और बच्चे थे या फिर उनके चुने साधक थे जिनकी Training उग्र होने की नहीं है
जब दिन में स्वामी रामदेव ने मुझे फोन किया था तो उन्होंने कहा था - कि किसी ने उन्हें पक्की खबर दी है कि ''आधी रात को हजारों पुलिसवाले शिविर को खाली कराने की कोशिश करेंगे'' और ये भी कहा कि ''पुलिस गोली चलाकर या आग लगाकर उन्हें मार भी सकती है''...मैंने स्वामी रामदेव से कहा था कि ''ऐसा नहीं हो सकता-हजारों पुलिस शिविर में घुसे ये कभी नहीं होगा और आप को मारने की तो बात कोई सपने में सोच भी नहीं सकता''...रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक टी वी पर पुलिस का तांडव देखते हुए मैं यही सोचता रहा कि रामदेव कितने सही थे और मैं कितना गलत...ये मुझे बाद में समझ आया कि स्वामी रामदेव ने महिला के कपड़े पहनकर भागने की कोशिश क्यों की...उन्होंने सोचा जब पुलिस घुसने की बात सही है
लाठियां चलाने की बात सही है तो Encounter की बात भी सही होगी ...मैं कांग्रेस को अनुभवी नेताओं की पार्टी मानता हूं...मेरी हमेशा मान्यता रही है कि कांग्रेस को शासन करना आता है...लेकिन 5 जून की रात की बर्बरता ने मुझे हैरान कर दिया...समझ में नहीं आ रहा कि आखिर सरकार ने ये किया क्यों ?...उससे भी बड़ा सवाल ये उठा कि कांग्रेस को या सरकार को इससे मिला क्या?
सरकार को मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस जिसमें ये बताना पड़ेगा कि रात के अंधेरे में पुलिस की बर्बरता का औचित्य (justification) क्या था...सरकार ये कैसे कहेगी कि हमने ये इसलिए किया कि ये बताना था कि सरकार की ताकत क्या होती है...हम जब चाहें किसी की भी जुबान पर लगाम लगा सकते हैं...कपिल सिब्बल ने उस दिन शाम को कहा था ( if we know to accommodate, we also know how to rein in)''हम अगर किसी के लिए रास्ता बनाना जानते है तो लगाम लगाना भी जानते है”
कांग्रेस को क्या मिला..जो स्वामी रामदेव बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस की तरफ दोस्ती का हाथ बड़ा रहे थे, उन्हें अपना दुश्मन बना लिया...जो स्वामी रामदेव RSS के लोगों से दूरी बना रहे थे, अपने साथ मुस्लिम नेताओं को खड़ा कर रहे थे ताकि उनकी ऐसी छवि बने जो सबको स्वीकार्य हो - उन्हें कांग्रेस ने धक्का देकर RSS के पाले में फेंक दिया...कांग्रेस ने रात को पुलिस से स्वामी रामदेव के समर्थकों की पिटाई करवा कर, मायावती और मुलायम सिंह दोनों को रामदेव के साथ खड़ा कर दिया...जो वृंदा करात स्वामी रामदेव की खुलेआम आलोचना करती थीं, वो रात को TV Channels पर रामदेव के समर्थन में पुलिस के अत्याचार को सबसे सख्त शब्दों में निंदा करती नज़र आईं
कांग्रेस और सरकार दोनों अन्ना हजारे से परेशान थी...वो रामदेव को अन्ना हजारे के जवाब के रूप में देख रही थी ...लेकिन रात को पुलिस की लाठियों और आंसूगैस ने इसे उल्टा कर दिया...जो अन्ना और रामदेव एक दूसरे से उखड़े हुए थे अब साथ-साथ हैं...अन्ना हजारे रामलीला मैदान की पुलिस बर्बरता के खिलाफ अनशन करेंगे...अब सरकार इन दोनों से एक साथ निबटना होगा
कांग्रेस को क्या मिला? मिला तो बीजेपी को...जो पार्टी बार-बार उठने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसके पास सरकार के खिलाफ कोई बड़ा मुद्दा नही था...अब पूरी ताकत के साथ मैदान में है .कांग्रेस ने उसके हाथ में एक मुद्दा दे दिया, रामदेव जैसा लीडर दे दिया और करोड़ों लोगों का जनाधार ,लोगों को लाठियां मार-मारकर बीजेपी को उपहार में दे दिया...अब कांग्रेस को बीजेपी से, रामदेव से, अन्ना हजारे की Civil Society से, मायावती से, मुलायम सिंह से, एक साथ लड़ना है...इसके बदले मिला क्या- लालू यादव का समर्थन जिनके लोकसभा में सिर्फ चार MP हैं और बिहार में सिर्फ बाईस MLA हैं
पुलिस की लाठियां चलाने और लोगों का खून बहाने की टाइमिंग भी कमाल की थी कपिल सिब्बल ने रामदेव से हुई डील की चिट्ठी दिखाकर भ्रम पैदा कर दिया था..रामदेव defensive पर थे...वो बार-बार सफाई दे रहे थे कि चिट्ठी में सिर्फ इतना लिखा है कि हमारी सारी मांगें पूरी हो जाएंगी तो दो दिन के बाद अनशन खत्म हो जाएगा...लेकिन रात में 5000 की पुलिस फोर्स भेजकर सरकार ने रामदेव को Offensive कर दिया...अब वो लगाताक उन सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पर हमला कर रहे हैं जिनका नाम लेकर उन्होंन पिछले पांच साल में एक शब्द नहीं कहा था.
दिग्विजय सिंह ने स्वामी रामदेव को ठग कहा, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को चोर कहा...सरकार से उनकी जांच कराने की मांग की...फिर हिंदुस्तान टाइम्स में खबर छपी कि CBI और ED स्वामी रामदेव के ट्रस्ट और कंपनियों की जांच करेगी...अगर स्वामी रामदेव ठग हैं तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनसे अनशन वापस लेने की अपील क्यों की ?...प्रधानमंत्री ने एक ठग को चिट्ठी लिखकर ये क्यों कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आपकी मुहिम सही है...अगर स्वामी रामदेव के ट्रस्ट और कंपनियों की जांच होनी है तो देश के Finance Minister प्रणब मुखर्जी तीन और मंत्रियों के साथ उन्हें एयरपोर्ट पर लेने क्यों गए?...अगर कपिल सिब्बल ये जानते थे कि स्वामी रामदेव भरोसे के आदमी नहीं हैं तो फिर सरकार ने भ्रष्टाचार और कालेधन के सवाल पर उनकी ज्यादातर मांगें क्यों मान ली हैं कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेस बुलाकर ये क्यों कहा कि हमने स्वामी रामदेव की सभी मांगे मान ली हैं ?...क्या ये सरकार ऐसे व्यक्ति के साथ डील कर रही थी जिसकी जांच CBI और ED को करनी है
कौन विश्वास करेगा स्वामी रामदेव पर ठगी और बेईमानी जैसे आरोपों का ? दिग्विजय सिंह की बात समझ में आती है, उनका अपना एजेंडा है...लेकिन सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने तो कभी ऐसे एजेंडे को नहीं अपनाया...क्या अब CBI और ED के दम पर फिर से साबित किया जाना है कि सरकार की ताकत क्या होती है?...स्वामी रामदेव को ये बताना है कि हमसे लड़ोगे तो तुम्हारा दिमाग ठिकाने लगा देंगे
अगर सरकार ने ये करके अपना इकबाल जतला भी दिया तो क्या मिलेगा ? ...लोकतंत्र में कोई भी जनता का विश्वास राजनैतिक दलों के लिए ऑक्सीजन का काम करता है...सत्ता का अहंकार- किसी भी पार्टी के लिए तेजाब का काम करता है...इतिहास गवाह है कि लोकतंत्र में डंडे के बल पर शासन नहीं चलता...जो सरकारें विरोध के स्वर का सम्मान करती हैं, शांतिपूर्ण ढंग से आलोचना करने वालों की बात सुनती हैं, वही सरकारें ज्यादा दिन चलती हैं...ये फैसला कांग्रेस को करना है कि उसे आक्सीज़न चाहिए या तेज़ाब
6417mera%20desh%20mera%20jeevan%20m

गुरुवार, 2 जून 2011

भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह -4 जून 2011

४ जून से रामलीला मैदान पर



परम पूज्य स्वामी रामदेवजी अनिश्चित कालीन उपवास पर बैठेंगे
 
भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह -4 जून 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान में स्वामीजी स्वयं अनिश्चित कालीन उपवास पर बैठेंगे । परम पूजनीय स्वामी रामदेव जी के साथ इस सत्याग्रह में भाग लेने व अन्य प्रकार के सहयोग हेतु पंजीकरण करने कृपया दिये गए फार्म मे अपनी जानकारी व आपके द्वारा दिये जाने वाले सहयोग / का विवरण आज ही दर्ज करे जिससे समय आने पर आपको आवश्यकतानुसार कार्य सौपा जा सके ।


Share

आज ही पंजीयन कराये



Name:

E-Mail Id:

Mobile No: * *

Type of action:
Select Campaign Email Campaigning Anshan in Delhi Amaran Anshan in Delhi SMS Campaign Other Campaign Internet Campaign FaceBook/Orkut/Tutur

Address:

















परम पूज्य स्वामीजी के साथ आमरण अनशन पर बैठने के लिए अपना नाम फोन नं 01334-240008 या divyayoga@rediffmail.com पर रजिस्टर कराकर इस राष्ट्रीय आंदोलन को समर्थन करे ।

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

Google

Google

6417mera%20desh%20mera%20jeevan%20m

गुरुवार, 5 अगस्त 2010

Do You Know Your Sonia? - by Dr. Subramanian Swamy

We have to ensure that the Maino clan does not stay in power. Dr. Manmohan Singh may be PM, which is a small relief, but he is not a fighter. The real power in government today is wielded by the Maino mafia gang. Can they be dethroned? I argue that they must be, for India’s integrity and democracy.
In Indian democracy, other than by losing majority, only a shocking scandal can unseat a government. Today’s priority is however not for toppling the Congress government as such, since Manmohan Singh is a decent and scholarly person, but in driving the Maino clan out of India. If the only way that can be done is by toppling the Singh government, then so be it. But the successor government should be such that it will not protect Sonia and her clan as Vajpayee’s did.

It will although not be long before Sonia will give Manmohan Singh marching orders, and he will march out meekly. We should not expect him to resist. Thus time with patriotic Indians is limited.

With Sonia’s defacto government in place, it is also unrealistic to expect that I can get an early victory in the courts on the KGB and antique smuggling cases. The most potent scandal at hand, therefore, that can dislodge the Maino clan[including Rahul and Priyanka] lies in exposing their existing Italian citizenship. That will galvanise the people.

In 1992, Sonia had revived her citizenship of Italy under Article 17 of the Italian Citizenship Law [Act 91 of 1992]. Rahul and Priyanka were born Italian citizens because Sonia was Italian when she gave birth to them[Italian law based on jure sanguinis]. (see Annexure-19) Hence, they continue be Italians since they have never renounced their citizenship upon becoming 21 years old. Both, Rahul and Priyanaka have been traveling abroad on Italian passports. They may now acquire Venezuela passports too, since Rahul Gandhi’s wife, Veronica, is a Venezuelan. (See annexure- 20) That means one more foreign bahu for us tolerant Indians. The Maino-Gandhis are certainly getting Indian society globalised in their own selfish way.

To end Bharat Mata’s shame and pain, what can patriotic Indians do in a democracy?

As a first step there is an urgent need to document the facts about their citizenship on notarized paper, for which we need to set up a network in London, Milan, Hongkong, and in Venezuela. Those persuaded by my above stated facts and arguments may join in and help set up this network. Other steps can come later once this is accomplished.

Sorce:http://www.janataparty.org/soniaintro.html