जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 1 जुलाई 2010 से माता वैष्णों देवी दर्शनों के लिए अपनी गाड़ियों से जाने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक कार पर 2000 रूपये व तीन दिन के बाद 2000 रूपये प्रतिदिन की दर से एंट्री फीस वसूल की जा रही है।
इसी प्रकार बाबा अमरनाथ यात्रा पर अपनी गाड़ी से जाने वाले श्रद्धालुओं से 2000 रूपये एंट्री फीस और सात दिन के बाद 2000 रूपये प्रतिदिन दर से एंट्री फीस वसूल की जा रही है।
श्रद्धालुओं एवं लंगर संस्थाओं से तुगलकी फरमान जारी करके जजिया कर वसूल किया जा रहा है। जजिया रूपी टैक्स को 300 से बढ़ाकर सीधा 2300 कर दिया गया है, जो कि आठ गुना है।
इसी तरह से माता वैष्णो देवी व अमरनाथ यात्रियों को लेकर आने वाले वाहन पर भी 24 सौ रुपये टैक्स लगा दिया गया है।
पिछले कई सालों से लंगर लगाने वाले स्थल को भी कम कर दिया गया है, वहीं लंगर कमेटियों को अपने ही देश में पहचान पत्र लाजिमी कर दिया गया है। हिंदुओं को जलील करने की इससे घटिया कार्यवाही और क्या होगी कि अपने ही देश के एक हिस्से में प्रवेश के लिए वीजा फीस वसूली जा रही है, जिसकी राशि 25,000 रुपये है। जो कि दुनिया के सभी देशों से ज्यादा है।
सरकार की दोगली वोट बैंक की राजनीति बेहद अफसोसजनक है। एक ओर जहां हज यात्रियों को सब्सिडी दी जा रही है। वहीं अपने ही देश में हिंदुओं से जजिया कर वसूला जा रहा है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्से से यहां आकर लोग लंगर लगाते हैं। इन्हें सहयोग करने के बजाए सरकार सिक्योरिटी मनी के नाम पर 25 हजार रुपये जमा करा रही है। यह राशि उन्हें वापस नहीं की जाएगी।
केन्द्र सरकार की कमजोर नीतियों की वजह से आज हिन्दुस्तान में देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो रही हैं, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा हिन्दुओं पर लगाया गया जजिया कर है।
सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा 1 जुलाई 2010 से माता वैष्णों देवी दर्शनों के लिए अपनी गाड़ियों से जाने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक कार पर 2000 रूपये व तीन दिन के बाद 2000 रूपये प्रतिदिन की दर से एंट्री फीस वसूल की जा रही है।
इसी प्रकार बाबा अमरनाथ यात्रा पर अपनी गाड़ी से जाने वाले श्रद्धालुओं से 2000 रूपये एंट्री फीस और सात दिन के बाद 2000 रूपये प्रतिदिन दर से एंट्री फीस वसूल की जा रही है।
श्रद्धालुओं एवं लंगर संस्थाओं से तुगलकी फरमान जारी करके जजिया कर वसूल किया जा रहा है। जजिया रूपी टैक्स को 300 से बढ़ाकर सीधा 2300 कर दिया गया है, जो कि आठ गुना है।
इसी तरह से माता वैष्णो देवी व अमरनाथ यात्रियों को लेकर आने वाले वाहन पर भी 24 सौ रुपये टैक्स लगा दिया गया है।
पिछले कई सालों से लंगर लगाने वाले स्थल को भी कम कर दिया गया है, वहीं लंगर कमेटियों को अपने ही देश में पहचान पत्र लाजिमी कर दिया गया है। हिंदुओं को जलील करने की इससे घटिया कार्यवाही और क्या होगी कि अपने ही देश के एक हिस्से में प्रवेश के लिए वीजा फीस वसूली जा रही है, जिसकी राशि 25,000 रुपये है। जो कि दुनिया के सभी देशों से ज्यादा है।
सरकार की दोगली वोट बैंक की राजनीति बेहद अफसोसजनक है। एक ओर जहां हज यात्रियों को सब्सिडी दी जा रही है। वहीं अपने ही देश में हिंदुओं से जजिया कर वसूला जा रहा है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए देश के विभिन्न हिस्से से यहां आकर लोग लंगर लगाते हैं। इन्हें सहयोग करने के बजाए सरकार सिक्योरिटी मनी के नाम पर 25 हजार रुपये जमा करा रही है। यह राशि उन्हें वापस नहीं की जाएगी।
केन्द्र सरकार की कमजोर नीतियों की वजह से आज हिन्दुस्तान में देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो रही हैं, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा हिन्दुओं पर लगाया गया जजिया कर है।
सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए।
शुक्रवार, 18 जून 2010
जम्मू-कश्मीर सरकार का हिंदुओं पर जजिया कर
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